मुझे इस बात की बेहद खुशी रही की मुझे गुरु के रूप में डॉ.रामजी तिवारी सर का आशीर्वाद मिला । मुंबई विश्विद्यालय और पुणे विश्वविद्यालय से संबद्ध शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो डॉ.रामजी तिवारी के नाम से परिचित ना हो । पूरे देश के हिन्दी समीक्षकों की अगर लिस्ट बनाई जाय तो डॉ.रामजी तिवारी पहले १० समीक्षकों में जरूर गिने जायेंगे । आप का जैसा नाम है वैसा ही आप का स्वभाव भी है । सादगी भरा आपका जीवन और आप की विनम्रता ही वे गुण हैं जो सभी को पसंद आते हैं ।
आज कल की गुट बाजी से दूर आप निरंतर अपने अध्ययन -अध्यापन कार्य में लगे हुए हैं । शोध छात्र के रूप में मैने आप के मार्गदर्शन में ही ph.D का काम पूरा किया। आप के सामने कभी विनम्रता वश कुछ भी नही कह पाया,लेकिन आज अपने ब्लॉग पे आप के प्रति सार्वजनिक रूप से कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर मैं जरूर लूँगा ।
सर , मैं आप के प्रति आभारी हूँ ।
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Friday 10 April 2009
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उज़्बेकी कोक समसा / समोसा
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