Showing posts with label 69. तुम से मिलना. Show all posts
Showing posts with label 69. तुम से मिलना. Show all posts

Sunday 1 December 2013

69. तुम से मिलना



फोन पे हिम्मत 
शायद बढ़ जाती है 
और हिमाक़त हम कर जाते हैं 
मैंने भी की 
आख़िर आज
पूँछ ही लिया कि
----- कब मिलोगी ?
उसने कहा 
-------- क्यों ? कुछ ख़ास ?
मैंने कहा
------- नहीं, कुछ ख़ास नहीं
हाँ मगर
तुम से मिलना
अक्सर ख़ास होता है
उसने कहा
--------- अच्छा
------ तो फ़िर ठीक है ।

उज़्बेकी कोक समसा / समोसा

 यह है कोक समसा/ समोसा। इसमें हरी सब्जी भरी होती है और इसे तंदूर में सेकते हैं। मसाला और मिर्च बिलकुल नहीं होता, इसलिए मैंने शेंगदाने और मिर...